जब एंड्रोमेडा आकाशगंगा हमारी आकाशगंगा से टकराएगी
दिलीप कुमार कनौजिया
आज से तकरीबन चार अरब वर्षों के बाद हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी (मिल्की वे) और एंड्रोमेडा आकाशगंगा आपस मे टकरा जाएगी लेकिन अफसोस तब तक हमारा सूर्य एक विशाल लाल तारा बन चुका होगा l
दिलीप कुमार कनौजिया
आज से तकरीबन चार अरब वर्षों के बाद हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी (मिल्की वे) और एंड्रोमेडा आकाशगंगा आपस मे टकरा जाएगी लेकिन अफसोस तब तक हमारा सूर्य एक विशाल लाल तारा बन चुका होगा l
न ही पृथ्वी और न ही सौर मंडल इस खगोलीय टकराव का साक्षी होगा। दो पड़ोसी आकाशगंगाओं का मिलन बड़ा दुर्लभ होता है और इसके प्रभाव बड़े पैमाने पर देखे जाते है। लेकिन यहां तो चार अरब वर्षो के बाद दो बड़े आकाशगंगा एक दूसरे से विलय करेंगी। एंड्रोमेडा आकाशगंगा जो कि एक अण्डाकार आकाशगंगा है और हमारी मिल्की वे एक सर्पीली आकाशगंगा। शोधकर्ताओं द्वारा भविष्यवाणी की गई है की इस अद्भुत टकराव के बाद दोनों आकाशगंगाओं की वर्तमान संरचना बिल्कुल बदल जायेगी खासकर मिल्की वे की सर्पीली संरचना।
फिलहाल एंड्रोमेडा गैलेक्सी हमारी आकाशगंगा से 250 लाख प्रकाश वर्ष दूर है लेकिन गुरुत्वाकर्षण के पारस्परिक पुल के कारण एंड्रोमेडा लगभग 70 मील/110 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से हमारी आकाशगंगा के पास आ रहा है। इस दर से यदि अनुमान लगाया जाय तो यह टक्कर शुरू होने से लगभग चार अरब वर्ष शेष हैं।
हालांकि जब मिल्की वे और एंड्रोमेडा एक-दूसरे से विलय करना आरंभ करेंगे तो उनके लिए पूरी तरह से एक दूसरे में विलीन हो जाने और एक नये विशाल अण्डाकार आकाशगंगा के रूप में निर्मित होने में एक या दो अरब साल और लगेंगे। इसके अलावा नासा के अनुसार, स्थानीय समूह की तीसरी सबसे बड़ी आकाशगंगा, त्रिकोणीय आकाशगंगा भी विलय की गई जोड़ी के चारों ओर अपनी कक्षा स्थापित करेंगी लेकिन अंतत: बाद की तारीख में एस33 भी उन दोनों एकीकृत होते आकाशगंगाओं के साथ विलय कर सकती है ऐसा वैज्ञानिकों को उम्मीद है।
एंड्रोमेडा आकाशगंगा में लगभग एक ट्रिलियन तारे हैं और हमारी आकाशगंगा में लगभग 300 अरब सितारें है।
इन आकाशगंगाओं का विलय दोनों आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद अतिसंवेदनशील बड़े ब्लैक होल को पास ले आयेगा। ये ब्लैक होल एक-दूसरे की ओर बढ़ेंगे और अंत में जब वे बहुत करीब होंगे तो वे एक-दूसरे के गुरुत्वाकर्षण पुल से बच नहीं सकते हैं। बड़े ब्लैकहोल का विलय एक बहुत ही हिंसक घटना है जो अंतरिक्ष-समय के फैब्रिक के माध्यम से भारी गुरुत्वाकर्षण लहरों को अंतरिक्ष मे प्रसारित करते है। इन गुरुत्वाकर्षण लहरों की तीव्रता बहुत शक्तिशाली होती है और यह भी संभव है की बहुत सारे सितारों को आकाशगंगा से ही बाहर फेंक सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन परिस्थितियों में हमारे सौर मंडल वर्तमान की तुलना में कही और नई कक्षा में स्थापित हो जाएगा।
ऐसा भी नही है की वैज्ञानिकों ने अबतक किसी आकाशगंगा की टकराव को नही देखा है। कोर्वस नक्षत्र में एंटीना आकाशगंगाओं हृत्रष्ट-4038 और 4039 की टक्कर आजतक चल रही है। इन दोनों युवा आकाशगंगाओं का टकराव करीब 200 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुआ था जो अबतक जारी है। ताजा आकड़ों के अनुसार इन आकाशगंगाओं और इनके घने क्षेत्रों के भीतर कई गोलाकार समूहों का गठन हो चुका है। इस टकराव में भी एक आकाशगंगा का आकार सर्पीली है इसलिये इस विलय को देखकर वैज्ञानिक, एंड्रोमेडा और मिल्की वे के साथ होने वाली टक्कर के बारे में उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं।
ब्रह्मांड में इस प्रकार के आकाशगंगाओं का टकराव एक सामान्य प्रक्रिया हैं क्योंकि स्थानीय स्तर पर, गुरुत्वाकर्षण पुल ब्रह्मांड के समग्र विस्तार से अधिक शक्तिशाली होता है दूसरे शब्दों में कहा जाय तो गुरुत्वाकर्षण बल संपूर्ण ब्रह्मांड के विस्तार पर हावी हो जाता है। हमसब जानते है की ब्रह्माण्ड विस्तार कर रहा है लेकिन किसी एक गुब्बारा पर कई डॉट्स आसपास हो और उसे फुलाया जाता है तब वे डॉट्स काफी बड़े हो जाते है।
इन ब्रह्माण्डीय परिस्थितियों में गुरुत्वाकर्षण बड़े वस्तुओं के लिए जीत जाता है और वस्तुओं को एक-दूसरे के निकट ले आता है। वास्तव में हमारी आकाशगंगा और एंड्रोमेडा के बीच की दूरी बहुत करीब मानी जाता है यह इतनी करीब है की इनके गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव ब्रह्मांड के विस्तार पर हावी है। वास्तव में गुरुत्वाकर्षण को एक कमजोर बल माना जाता है लेकिन यह ब्रह्माण्ड का असली नायक है।
टोनी सोहं का कहना है-जब एंड्रोमेडा हमारी आकाशगंगा तक पहुचेगा उससे पहले ही सूर्य एक लाल विशालकाय तारा बन चुका होगा और इस तारे की सतह ने पहले से ही पृथ्वी को अपने घेरे में ले लिया होगा। हम इस खगोलीय टकराव को रोक तो नही पायेंगे और न ही देख सकते है लेकिन कम्प्यूटर सिमुलेशन हमे इस टकराव की झलक दिखा रहे है और भविष्य में अधिक सटीकता से दिखाते ही रहेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने अपने ताजा शोध अध्ययन में कहा है की एंड्रोमेडा और हमारी आकाशगंगा मिल्की वे दोनों का आकार लगभग समान ही है और दोनों का द्रव्यमान लगभग 800 बिलियन सौर द्रव्यमान के बराबर है।
very nice information,
ReplyDeleteThenk you for posting
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